अमृत कलश

Friday, April 19, 2019

एक घटना जो याद आई




आज अचानक बहुत पुरानी याद ताजा हो गयी है |सोचा आप लोगों से शेअर कर लिया जाए |मेरे पिता जी का ऑपरेशन होना था |वे बहुत बीमार थे |मामा जी भी आये हुए थे |सब ने निश्चय किया कि गुना में सर्जन अच्छे हैं वहीं पर ऑपरेशन करवाना ठीक रहेगा |गुना में सिविल अस्पताल में भरती करवाया और स्पेशल वार्ड में भरती करवा दिया |
          पास के वार्ड में एक गाँव वाले भरती थे |वहां तो आनेजाने वालों का मेला लगा हुआ था |कुछ लोग बाहर बैठ कर ताश खेल रहे थे |
                एका एक जोर जोर से रोने की आवाज आई | कोतुहल वश अम्मा और मामा जी बाहर आये |वहाँ का दृश्य अवर्णनीय था |अपने कक्ष में आ कर दोनो जोर जोर से हंसने लगे |हंसत हुए कह रहे थे "जेई अच्छी हुई बिन के कारण अपन मिल तो लये ,न जाने कब मिलना होता "|
बाबूजी को गुस्सा आया बोले "मेरी तो तबियत खराब है और तुम लोगों को मजाक सूझ रहा है |धीरे से मामा जी ने कहा चलिए ज़रा बाहर तो देखिये |
            बाहर अभीतक वही माहोल थी महिलाएं आपस में गले मिल कर पूरी ताकत लगा कर रो रहीं थीं और कहती जा रहीं थीं जेई बहाने हम मिल तो लये |बाबूजी भी बिना हँसे न रह सके |

आशा

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