कितनी लम्बी जिन्दगी
लगाने लगती जब कोई काम न हो |पहले एक बार भगवान् से माँगा था अब तो थक गए हैं जीवन
में काम करते करते |न जाने कैसे उसने सुन ली मेरी प्रार्थना
तुम्हें बहुत चाह थी आराम की |लो करो आराम |पर
अब यह न कहना
मुझे आराम नहीं काम
चाहिए | फिर समस्या पैदा हुई “खाली बैठे मन नहीं लगता अब क्या करू”|
फिर से भगवान की की
आराधना और कहा”मुझे काम ही करना है
|व्यर्थ समय किसी सत्कार्य में लगा कर कुछ समय का सदुपयोग तो होगा |अब मेरी समझ में आगया
है कैसे समय का उपयोग करूं|जब तक जिन्दगी है किसी न किसी कार्य में व्यस्त रही यदि
जीवन सफल हो जाए |
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