समय के साथ चलो
जिसने समय को मुठ्ठी
में पकड़ना चाहा वह उसके पीछे भागा |पर सफल न हो पाया |समय ने उसे कभी आगे दौड़ाया
कभी लौट जाने को कहा |पर उसकी चाहत थी समय को पकड़ कर बांधने की | सारे प्रयत्न
असफल रहे |उसने रेत पर धूप को फैले देखा मुठ्ठी में कस कर बंद किया |सोचा समय भी
पकड़ में आया है अब कहाँ जाएगा भाग कर |पर न जाने कैसे मुठ्ठी की पकड़ ढीली हो गई और
सिक्ता कण धरती से लिपट गए |वह खाली हाथ ही रह गया |किसी ने सच कहा है समय के साथ चलो उसे पकड़ने की कोशिश
व्यर्थ है |
आशा
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