अमृत कलश

Friday, May 21, 2021

एकादशी


 

जब हुआ समुद्र मंथन  

महादेव ने 

  हलाहल पान किया

दी जगह विष को

अपने  कंठ में  |

निकले चौदह रत्न 

और बहुत कुछ 

 अमृत से भरा

 घट भी निकला

दानवों  ने जिसे

  झपटना चाहा   |

 मोहिनी  एकादशी को 

 विष्णु ने

 रूप धरा मोहिनी 

घट अमृत को

 छीना दानवों से  

सब देवों को 

अमृत पान कराया |

दानवों  से 

उन्हें  बचाया 

देवों को अजर 

अमर बनाया |

आशा

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