जब बच्चा बहुत छोता होता हैं माँ हर बात में रोकती टोकती है |पर धीरे
धीरे कब बच्चा बड़ा हो जाता है बच्चे को बहुत अजीब सा लगाने लगता है |अगर उसे ऑफिस में
देर हो जाए तब भी माँ उसे टोकती है इतनी देर कहाँ हो गई |समय की कीमत समझो समय पर
आया जाया करो |नियमित जीवन बहुत उपयोगी होता है |सभी कार्य यदि समय से करोगे कभी
समय की कमीं नहीं पड़ेगी |हम भी नौकरी करते थे पर सारे काम समय पर होते थे |बच्चा
सोचता है” मैं कब बड़ा होऊंगा माँ की नज़रों में “|पर एक अदि दिन तो टोका टोकी नहीं
होती पर फिर से माँ का टोकने का क्रम शुरू हो जाता है |इस आदत में बदलाव कैसे आए
?क्या मैं गलत हूँ ?मुझे सलाह चाहिए आपसे |
आशा सक्सेना
हर माँ ऐसी ही होती है ! बदलने की ज़रुरत ही कहाँ है !
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