अमृत कलश

Thursday, April 15, 2021

परिवर्तन

 


जीवन एक बहती नदी सा है|जब तक कोई बाधा न आए बहाव रुकता  नहीं |इसी निरंतरता का तो कायल है ज़माना |पर परिवर्तन जीवन के लिए है आवश्यक |इसके बिना जीवन एक छोटी तलैया हो जाता है |बहाव रुक जाने से पानी दूषित हो जाता है |हर परिवर्तन कुछ नया 

जीवन में कर जाता है |इसी का कायल है ज़माना |

आशा 

Friday, April 9, 2021

समय के साथ चलो

समय के साथ चलो

जिसने समय को मुठ्ठी में पकड़ना चाहा वह उसके पीछे भागा |पर सफल न हो पाया |समय ने उसे कभी आगे दौड़ाया कभी लौट जाने को कहा |पर उसकी चाहत थी समय को पकड़ कर बांधने की | सारे प्रयत्न असफल रहे |उसने रेत पर धूप को फैले देखा मुठ्ठी में कस कर बंद किया |सोचा समय भी पकड़ में आया है अब कहाँ जाएगा भाग कर |पर न जाने कैसे मुठ्ठी की पकड़ ढीली हो गई और सिक्ता कण धरती से लिपट गए |वह खाली हाथ ही रह गया |किसी  ने सच कहा है समय के साथ चलो उसे पकड़ने की कोशिश व्यर्थ है |

आशा 

Wednesday, April 7, 2021

समय का सदुपयोग

 


कितनी लम्बी जिन्दगी लगाने लगती जब कोई काम न हो |पहले एक बार भगवान् से माँगा था अब तो थक गए हैं जीवन में काम करते करते |न जाने कैसे उसने सुन ली मेरी प्रार्थना

 तुम्हें बहुत चाह थी आराम की |लो करो आराम |पर अब यह न कहना

मुझे आराम नहीं काम चाहिए | फिर समस्या पैदा हुई “खाली बैठे मन नहीं लगता अब क्या करू”|

फिर से भगवान की की आराधना और  कहा”मुझे काम ही करना है |व्यर्थ समय किसी सत्कार्य में लगा कर कुछ  समय का सदुपयोग तो होगा |अब मेरी समझ में आगया है कैसे समय का उपयोग करूं|जब तक जिन्दगी है किसी न किसी कार्य में व्यस्त रही यदि जीवन सफल हो जाए |