अमृत कलश

Thursday, May 27, 2021

स्वप्न क्या कहे

 

नींद खुलते ही स्वप्न कहीं खो जाते हैं |हलकी सी यादें मस्तिष्क में रह जाती हैं |बार बार मन को कचोटती हैं |कभी लगता है क्या कोई हादसा सर उठाए खड़ा है?

या कोई शुभ सन्देश मिलने वाला है |मन की शान्ति भंग हो जाती है |क्या इसका कोई हल है ?किस से पूंछा जाए सोच नहीं पाती |कभी यह मन का बहम नजर आता है |मन बेचैन  होने लगता है| स्वप्नों से मन को भय कैसा ?

आशा 

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