अमृत कलश

Saturday, February 3, 2024

आम लड़की से भिन्न हो तुम

 है ऐसा क्या तुममें 

सब तुम पर होते निसार 

है क्या विशेष तुम में 

अति का करते तुमसे प्यार |

हो तुम आम लड़की जैसी 

पर हर कार्य में निपुण 

जो देखता तुम्हें

 हो जाता तुम पर निसार  |

हो आधुनिक युग की नारी 

किसी से कम नहीं 

सब कार्य कर सकती हो 

किसी की  नहीं आस |

आशा सक्सेना 


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