बूझो तो जाने :-
(१)
शीश कटे तो मैं मर जाऊं ,
पेट कटे तो मैं डर जाऊं ,
पैर कटे तो ढोल बजाऊँ ,
शिव जी का प्रिय वाद्य कहऊँ |
(२)
हाड मॉस का नाम नहीं है ,
पर डरने का काम नहीं है ,
पल भर में मैं प्रलय मचा दूं ,
एक शब्द नें शान्ति करा दूं |
किरण
(१)
शीश कटे तो मैं मर जाऊं ,
पेट कटे तो मैं डर जाऊं ,
पैर कटे तो ढोल बजाऊँ ,
शिव जी का प्रिय वाद्य कहऊँ |
(२)
हाड मॉस का नाम नहीं है ,
पर डरने का काम नहीं है ,
पल भर में मैं प्रलय मचा दूं ,
एक शब्द नें शान्ति करा दूं |
किरण
कितनी बढ़िया पहेलियाँ हैं ! बचपन के दिन याद आ गये जब हर रोज रात को सोने से पहले कहानियों और पहेलियों का दौर चला करता था !
ReplyDeleteपहली का अर्थ तो 'डमरू' होना चाहिये ! दूसरी का समझ में नहीं आ रहा है ! सोचने दीजिए ! दूसरी का अर्थ 'कलम' तो नहीं ? मज़ा आ गया बचपन को याद कर !
पहली बाली तो जल्दी ही समझ आ गयी .. दूसरी वाली नहीं पता ..साधना जी का जवाब सही है ..दूसरी के जवाब का इंतज़ार है
ReplyDeleteबढ़िया पहेलियाँ हैं !
ReplyDeleteलाजवाब है मित्र
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