(१)
फूलों में फूल कहाऊँ ,और सागों में साग
उलट पढोगे भीग जाओगे ,जल्दी जाओ भाग |
(२)
अंत कटे बोझा बनूँ ,मध्य कटे तो धान
आदि कटे दृढ लग्न हो ,रखना इसका मान|
(३)
मैं नित दौड लगाती हूँ ,सबकी प्यास मिटाती हूँ
खेत और खलियान सभी ,देते मुझ को मान |
ज्ञान वती सक्सेना 'किरण '
फूलों में फूल कहाऊँ ,और सागों में साग
उलट पढोगे भीग जाओगे ,जल्दी जाओ भाग |
(२)
अंत कटे बोझा बनूँ ,मध्य कटे तो धान
आदि कटे दृढ लग्न हो ,रखना इसका मान|
(३)
मैं नित दौड लगाती हूँ ,सबकी प्यास मिटाती हूँ
खेत और खलियान सभी ,देते मुझ को मान |
ज्ञान वती सक्सेना 'किरण '
१.गोभी
ReplyDelete३.नहर
२.अभी सोच रही हूँ|
behtreen...
ReplyDeleteबहुत आनंद आ रहा है अपने बचपन में पढ़ी सुनी मम्मी की इन पहेलियों को दोबारा पढ़ कर ! आज सब याद तो नहीं फिर भी अपने अनुमान से बताती हूँ !
ReplyDelete(१) गोभी
(२) भारत
(३) नहर