आओ ऐसा खेलें खेल
जिससे बढे सभी मैं मेल
रामू तुम रूसी बन जाओ
पप्पू बन अमरीकी जाओ
तुम चीनी बन जाओ चुन्नू
जापानी तुम होगे मुन्नूं
लंका वासी लल्लू होगा
तुम भोला मिश्री बन जाओ
अकरम पाकिस्तानी आओ
हम तुम ऐसा खेलें खेल
जिससे बढे सभी मैं मेल
अब मैं बनूँ हिन्द का लाल
पंचशील की ले कर ढाल
आगे कदम बढ़ाऊंगा
विश्व शान्ति फैलाऊंगा
तुम सब भी आगे बढ़ आओ
सद् भावना ह्रदय मैं लाओ
पुन्य कर्म मैं हाथ बटाओ
अमर मित्रता मैं बंध जाओ
आओ ऐसा खेलें खेल
जिससे बढे सभी मैं मेल
हम सब बन कर भाई भाई
दूर करें सब की कठिनाई
देश हमारे हरे भरे हों
अन्न और धन से पूरे हों
कोई रहे न नंगा भूखा
कोई रहे न गीला सूखा
एक सामान सभी सुख पावें
सबसे ऊंचा नाम कमावें
आओ ऐसा खेलें खेल
जिससे बढे सभी मैं मेल |
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ReplyDeleteअपनी तरह की अनूठी कविता है।
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