अमृत कलश

Friday, March 12, 2021

दूरी सच और झूट में

 

किस ने कहा तुमसे  हर बात  

जैसी  की तैसी  ही मान लो |

अपनी बुद्धि कभी  तो  खर्च  किया करो

 ज्यादा नहीं तो कुछ तो लाभ हो  |

केवल कानों से  सुने और निकाल दें

यूँ ही आडम्बर जान यह भी ठीक  नहीं |

 सच्चाई  नजर नहीं आती जब झूटी अपना  फन फैलाती 

मुस्कराहट तिरोहित हो जाती जब सचचाई समक्ष  आती |

सच  झूट में  दूरी है  बहुत  कम जान लो

 आँख और  कान का है जितना फासला पहचान लो |

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