(१)
हरी श्वेत कत्थे सी होती
भरे पेट मैं अगणित मोती
जो भी मुझ को पा जाते हैं
खुशबू से मुंह महकाते हैं |
(२)
मध्य कटे माटी बन जाऊं
आदि कटे तो सोना
अंत कटे सब को डरवाऊँ
खाओ साग सलोना |
किरण
हरी श्वेत कत्थे सी होती
भरे पेट मैं अगणित मोती
जो भी मुझ को पा जाते हैं
खुशबू से मुंह महकाते हैं |
(२)
मध्य कटे माटी बन जाऊं
आदि कटे तो सोना
अंत कटे सब को डरवाऊँ
खाओ साग सलोना |
किरण
बड़ी मुश्किल पहेलियाँ हैं ! पहली का उत्तर तो 'इलायची' होना चाहिये ! दूसरे अभी और सोचती हूँ ! कल बताउंगी ! वरना कल आप ही बता दीजियेगा !
ReplyDeleteमेरे विचार से दूसरी पहेली का उत्तर 'गाजर' होना चाहिये ! ज़रा बताइये तो सही मेरे दोनों उत्तर सही हैं या नहीं !
ReplyDeleteआपके दोनो हल सही हैं |बधाई
ReplyDeleteआशा
कल 2/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
यशवंत जी इस ब्लॉग पर आने के लिए बहुत बहुत आभार |
ReplyDeleteआशा
बढ़िया माथा पच्ची हुई...
ReplyDeleteदूसरी पहेली में सर खपाना पडा... पर उत्तर मिला..
नीचे देखा तो आद साधना जी पहले ही उत्तर दे चुकी हैं... बधाई...
सादर आभार
:):) उत्तर साधना जी ने दे दिए हैं ...वैसे थोड़ी देर माथापच्ची करने के बाद ही टिप्पणियाँ देखी थीं ... दूसरी वाली नहीं समझ आ रही थी ..
ReplyDeleteबचपन में यह पहेलियाँ भी बहुत पूछते थे --
१ - मैदा सोडे से बने
नस नस में है रस
जब बच्चे खाने लगें
कभी न करते बस |
२- चाची चतुर सुजान
चचा कुछ जानता नाही
चाची के दो कान
चचा के वो भी नाही |
उत्तर तो आपको मालूम होंगे ...
भई वाह ! पहेली के जवाब में पहेली ! बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteपहली का उत्तर तो 'जलेबी' होना चाहिये ! दूसरी का उत्तर सोच कर बताउंगी !
:):) उत्तर सही है ..दूसरी का इंतज़ार है ..
ReplyDeleteबहुत माथा पच्चीसी करने के बाद ..
ReplyDeleteपहली का उत्तर ढूँढ पाया ..
इसलिए प्रतिक्रिया भी नहीं लिख पाया
दूसरी का उत्तर अभी भी समझ नहीं आया ..
सुन्दर पहेलियों के लिए आपका अभिनन्दन !!!
संगीता जी की पहेलियाँ बूझने की कोसिस कर रहा हूँ...
उत्तर ने दे पाया तो समझ लीजिए नेट नहीं लगा रहा है ....
हा..हा..हा..
सादर !!!
संगीता जी दूसरी पहेली का उत्तर होना चाहिये 'तवा और कढ़ाही! बताइये यह ठीक है या नहीं ? बहुत आनंद आया इन पहेलियों में ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
ReplyDelete♥आदरणीया आशा अम्मा जी ♥
ReplyDeleteसादर प्रणाम !
कई दिन पहले जब साधना दीदी ने लिंक भेजा था तब ही
* साक्षात् सरस्वती स्वरूपा परम आदरणीया मां जी * की बाल रचनाओं का यह ब्लॉग देख चुका था … लगभग सारी रचनाएं और पहेलियां पढ़ चुका हूं अब तक ।
मां जी की लेखनी सचमुच अनुपम अद्वितीय थी … उन्हें सच्चे हृदय से नमन करता हूं …
आता रहूंगा यहां भी बराबर …
…और चलते चलते
बीते हुए हर पर्व-त्यौंहार सहित
आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
… और संभव हो तो अपना मेल आईडी मेल से भेजें … मैं कई अवसरों पर मेरे ब्लॉग और मुझ से स्नेह रखने वालों से मेल माध्यम से संवाद करता हूं … तब आपका मेल एड्रेस न होने से आपको याद करते रहने के बाद भी आपसे संपर्क नहीं हो पाता …
ReplyDeleteवैसे किसी कारण न बताना चाहें तो भी कोई बात नहीं … आशीर्वाद बनाए रहें ! :)
और यह कमेंट भी पढ़ कर मिटादें …
साधना जी ,
ReplyDeleteयह हमारे ज़माने की पहेलियाँ हैं तो आपको जवाब तो देना ही था :):) सही जवाब है
My email id is -
ReplyDeleteasha.saxena88@gmail.com
Asha