ये हैं नन्हें नन्हें फूल
कभी न इनको जाना भूल
फूल बगीचे में खिलते हैं
बच्चे घर घर में मिलते हैं |
उनकी खुशबू मन को भाती
इनकी चंचलता हर्षाती
वे खिलते हैं औरों के हित
इनकी सुख पहुंचाती स्मित |
जब ये बच्चे बड़े बनेंगे
वीर जवाहर बापू होंगे
इन पर भारत गर्व करेगा
सदा सत्य आशीष वरेगा |
किरण
कभी न इनको जाना भूल
फूल बगीचे में खिलते हैं
बच्चे घर घर में मिलते हैं |
उनकी खुशबू मन को भाती
इनकी चंचलता हर्षाती
वे खिलते हैं औरों के हित
इनकी सुख पहुंचाती स्मित |
जब ये बच्चे बड़े बनेंगे
वीर जवाहर बापू होंगे
इन पर भारत गर्व करेगा
सदा सत्य आशीष वरेगा |
किरण
very very nice....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर ! बच्चों के लिये इससे बेहतर अन्य कोई उपमा नहीं हो सकती ! बहुत ही प्यारी रचना !
ReplyDeleteसादर आमंत्रण आपकी लेखनी को... ताकि लोग आपके माध्यम से लाभान्वित हो सकें.
ReplyDeleteहमसे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जुड़े लेखकों का संकलन छापने के लिए एक प्रकाशन गृह सहर्ष सहमत है. आपकी रचना और स्नेह और बिना ये कैसे संभव है.
स्वागत... खुशी होगी इसमें आपका सार्थक साथ पाकर.
आइये मिलकर अपने शब्दों को आकार दें